Ghorkashtodharan Stotra PDF In Hindi, मुफ़्त में Download करना चाहते हैं, तब आप सही स्थान पर हैं। इस ब्लॉग में आपको Ghorkashtodharan Stotra PDF In Hindi मिलेगी PDFstak.
प्रिय पाठकों हमारे जीवन में बहुत बार ऐसा होता है कि हम किसी न किसी घोर समस्या से घिर जाते हैं वह समस्या मानसिक, शारीरिक, आर्थिक या व्यवसायिक भी हो सकती है। हम सभी प्रकार से प्रयास करके थक जाते हैं और हमें कहीं भी सफलता प्राप्त नहीं होती और ऐसे बुरे समय में जब हमारी बुद्धि और विवेक साथ देना बंद कर देता है उस समय हमें ईश्वर की शरण में जाना चाहिए।
PDF Name | Ghorkashtodharan Stotra PDF |
PDF size | 2.3 MB |
Language | Hindi |
PDF catagory | e-book or Novels |
Source / Credits | drive.google.com |
Updated By | Gopinath |
source:Astroarticle
ऐसे ही कठिनाइयों को दूर करने के लिए श्री वासुदेवानंद सरस्वती ने इस स्तोत्र की रचना की । इस स्तोत्र के बारे में ऐसा प्रचलित है कि श्री वासुदेवानंद सरस्वती जी के एक भक्त थे जिन्हें संतान सुख प्राप्त नहीं था और उनके जीवन में और भी बहुत सारी कठिनाइयां थी फिर उन्होंने स्वामी जी से अपनी परेशानी बताई और उसका निवारण पूछा और उनके बताए हुए निवारण को करके उनकी समस्याओं का समाधान हुआ फिर उन में ऐसा भाव जागा की अपने ही जैसे दुनिया में अनेकों लोग हैं जिन्हें कोई ना कोई परेशानी होती है जिसका निवारण नहीं हो पाता इसलिए उन्होंने परम पूज्य श्री टेंबे स्वामी से प्रार्थना की कि वह ऐसे किसी स्तोत्र की रचना करें जिससे लोगों की कठिन से कठिन समस्याओं का भी निवारण हो सके और उसके फल स्वरूप इस घोरकष्टोद्धरण स्तोत्र की रचना हुई।
इस स्तोत्र में कुल 5 श्लोक हैं जो मनुष्य की सभी समस्याएं , पीड़ा , रोग , व्याधि , दरिद्रता, पाप आदि का शमन करने में सक्षम है इस स्तोत्र का पाठ हर रोज 11 बार करना चाहिए अगर हो सके तो गुरुवार के दिन स्तोत्र का पाठ 108 बार करना चाहिए स्वामी जी ने यह स्तोत्र श्रीपाद श्रीवल्लभ, जो कि दत्तात्रेय भगवान के प्रथम अवतार है, को समर्पित किया है और जो व्यक्ति हर रोज इन पांचों श्लोकों का पाठ करता है वह भगवान दत्तात्रेय को अति प्रिय हो जाता है।
ज्योतिष की दृष्टि से देखा जाए तो इस स्तोत्र का पाठ किसी भी प्रकार की ग्रह पीड़ा होने पर जरूर करना चाहिए और खास कर अगर आपकी कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर है नीच का है या गुरु की महादशा में आपको कष्ट हो रहा है या फिर आठवा गुरु गोचर में चल रहा है जिसके कारण विवाह में विलंब हो रहा है तो पूरे समर्पण भाव से इस स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
।। घोरकष्टोद्धरण स्तोत्र ।।
श्रीपाद श्रीवल्लभ त्वं सदैव । श्रीदत्तास्मान्पाहि देवाधि देव ।।
भावग्राह्य क्लेशहारिन्सुकीर्ते ।घोरात्कष्टादुद्धरास्मान्नमस्ते ॥१॥
त्वं नो माता त्वं पिताप्तोऽधिपस्त्वं। त्राता योगक्षेमकृत्सदगुरूस्त्वं ।।
त्वं सर्वस्वं ना प्रभो विश्वमूर्ते ।घोरात्कष्टादुद्धरास्मान्नमस्ते ॥२॥
पापं तापं व्याधिंमाधिं च दैन्यं । भीतिं क्लेशं त्वं हराऽशुत्व दैन्यम् ।।
त्रातारं नो वीक्ष ईशास्त जूर्ते । घोरात्कष्टादुद्धरास्मान्नमस्ते ॥३॥
नान्यस्त्राता नापि दाता न भर्ता । त्वतो देव त्वं शरण्योऽकहर्ता ॥
कुर्वात्रेयानुग्रहं पुर्णराते । घोरात्कष्टादुद्धरास्मान्नमस्ते ॥४॥
धर्मेप्रीतिं सन्मतिं देवभक्तिम्। सत्संगप्राप्तिं देहि भुक्तिं च मुक्तिम् ।।
भावासक्तिर्चाखिलानंदमूर्ते । घोरात्कष्टादुद्धरास्मान्नमस्ते ॥५॥
॥श्लोकपंचकमेतद्यो लोकमंगलवर्धनम् ॥ प्रपठेन्नियतो भक्त्या स श्रीदत्तप्रियोभवेत् ॥
इति श्रीवासुदेवानंदसरस्वती स्वामीविरचितं घोरकष्टोद्धरण स्तोत्रम् संपूर्णम।
घोरकष्टोद्धरण स्तोत्र के फायदे | Ghorkashtodharan Stotra benefits
- यह स्तोत्र संतान सुख की इच्छा करने वाले पति पत्नी को भी करना चाहिए।
- घोरकष्टोद्धरण स्तोत्र के नियमित पाठ से बड़ी से बड़ी परेशानी भी दूर हो जाती है।
- घोरकष्टोद्धरण स्तोत्र से पीड़ा , रोग , व्याधि , दरिद्रता, पाप आदि दूर हो जाते हैं।
- घोरकष्टोद्धरण स्तोत्र का पूरी श्रद्धा और भक्ति से पाठ करने पर भोग और मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती हैं।
- श्लोक का नियमित पाठ करने वाला व्यक्ति भगवान दत्तात्रेय को बहुत प्रिय होता है।
- गोचर में जब आठवां गुरु चल रहा हो तब भी घोरकष्टोद्धरण स्तोत्र नियमित रूप से पढ़ना चाहिए।
- गुरु की महादशा में हर गुरुवार घोरकष्टोद्धरण स्तोत्र का 11 बार पाठ करना चाहिए
घोरकष्टोद्धरण स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित | Ghorkashtodharan Stotra Hindi meaning
- हे प्रभु मेरे सभी प्रकार के पाप, दोष, रोग व्याधि डर क्लेश और दरिद्रता का हरण कर लीजिए और मेरा उद्धार कीजिए मेरे घोर कष्टों का निवारण कीजिए मैं आपको नमस्कार करता हूं।
- हे श्रीपाद श्रीवल्लभ हे दत्तात्रेय जी आप देवों के भी देव है मैं आपको नमस्कार करता हूं कृपा करके अपने भक्तों की भावनाओं को समझिए और हमारे जीवन से क्लेश को दूर कीजिए।
- हे प्रभु आपके सामान ना तो कोई तारणहार है ना कोई कुछ देने वाला है और ना ही आपके सामान कोई भरण पोषण करने वाला है जो भी आप की शरण में आता है आप उसको हमेशा अपनाते हैं मैं आपको नमस्कार करता हूं।
- हे प्रभु मेरे सभी कष्टों को दूर कीजिए ताकि धर्म के प्रति मेरा विश्वास बढ़े मुझे सद्बुद्धि मिले और ईश्वर की भक्ति कर सकूं मुझे अच्छी संगत मिले मुझे भौतिक सुख और फिर मुक्ति प्राप्त हो। मैं आपको नमस्कार करता हूं
- हे प्रभु आप न सिर्फ हमारे माता और पिता है बल्कि आप हमारे पालनहार भी हैं जो हमारे कष्टों को दूर कर सकते हैं आप हमें सब कुछ दे सकते हैं और सब चीजों का रक्षण करने वाले सद्गुरु है आपको नमस्कार है।
- इस प्रकार हर रोज जो कोई भी इन 5 श्लोकों का पठन करता है उसका हमेशा ही मंगल होता है और वह प्रभु श्री दत्तात्रेय जी को अति प्रिय हो जाता है।
FAQ’s on Ghorkashtodharan Stotra
घोरकष्टोद्धरण स्तोत्र की रचना किसने की?
घोरकष्टोद्धरण स्तोत्र के रचयिता श्री वासुदेवानंद सरस्वती जी हैं जिन्हें टेंबे स्वामी के नाम से भी जाना जाता है और जिन्हें भगवान दत्तात्रेय का अवतार भी माना जाता है।
घोरकष्टोद्धरण स्तोत्र किसे समर्पित है?
घोरकष्टोद्धरण स्तोत्र भगवान श्री दत्तात्रेय के पहले अवतार प्रभु श्रीपाद श्रीवल्लभ को समर्पित है।
घोरकष्टोद्धरण स्तोत्र का पाठ कब करना चाहिए?
सुबह और शाम को घोरकष्टोद्धरण स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
घोरकष्टोद्धरण स्तोत्र का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
घोरकष्टोद्धरण स्तोत्र का पाठ हर रोज 11 बार करना चाहिए।
अगर आठवां गुरु चल रहा हो तो क्या उपाय करना चाहिए?
गुरुवार के दिन घोरकष्टोद्धरण स्तोत्र का 11 बार पाठ करना चाहिए और अगर हो सके तो 108 बार भी पाठ करना चाहिए।
गुरु की महादशा में कौन सा उपाय करें?
अगर गुरु की महादशा चल रही है कुंडली में गुरु नीच का है या गुरु की अंतर्दशा चल रही है और बहुत कष्ट हो रहा हो तो घोरकष्टोद्धरण स्तोत्र का रोज 11 बार पाठ करना चाहिए।